पांचजन्य द्वारा आधार इन्फ्रा कॉन्फ्लुएंस 2025 का आयोजन भारत की बुनियादी ढांचे की दूरदृष्टि का प्रदर्शन ||
न्यूज़ स्पीड लाइव // राहुल कुमार संपादक

नई दिल्ली : पांचजन्य ने अपने सफल ‘सुशासन संवाद’ श्रृंखला के बाद एक और भव्य आयोजन ‘आधार इन्फ्रा कॉन्फ्लुएंस 2025’ का आयोजन नई दिल्ली स्थित चाणक्यपुरी के अशोक होटल में किया। बुनियादी ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) को समर्पित यह सम्मेलन विकसित भारत 2047 की भावना के साथ गूंजता रहा और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि के अनुरूप रहा। इस अवसर पर भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, वहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारत की विकास यात्रा पर सारगर्भित संवाद की आधारशिला रखी।
इस कार्यक्रम में मंत्रियों, बुद्धिजीवियों एवं ढांचागत विशेषज्ञों ने भाग लिया। हरित हाइड्रोजन मिशन, सौर क्रांति परियोजना, ईवी हाईवे, स्मार्ट सिटी मिशन, जल जीवन मिशन तथा नमामि गंगे कार्यक्रम जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यापक विमर्श हुआ। कार्यक्रम के दौरान भारत की सबसे महत्वाकांक्षी पहल ‘भारतीय रेलवे ग्रीन प्रोजेक्ट’ पर भी विचार साझा किए गए। यह बताया गया कि अब तक 60% रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया जा चुका है, और 2030 तक नेट ज़ीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में, भारत हर वर्ष लगभग 1.5 करोड़ टन कार्बन की बचत करेगा, जिससे डीज़ल पर निर्भरता घटेगी और एक हरित परिवहन भविष्य की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया जाएगा।
अपने संबोधन में भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा, “भारत की सड़क अवसंरचना आज विश्व में सबसे तेज़ी से विकसित होने वाली संरचनाओं में से एक है। हमारा लक्ष्य ऐसी राष्ट्रीय राजमार्ग प्रणाली का निर्माण करना है जो न केवल विश्व स्तरीय हो, बल्कि टिकाऊ (सस्टेनेबल) भी हो। ईवी हाईवे पहल के अंतर्गत हम 670 समर्पित रोडसाइड सुविधाएं विकसित कर रहे हैं, जिनमें चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध होगा, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों की लंबी दूरी की यात्रा सहज हो सके। जब यात्री यात्रा के दौरान एक छोटा चाय-पानी का विराम लेते हैं, तो उसी समय वाहन पास के स्टेशन पर आराम से चार्ज हो सकेगा। यह कदम न केवल जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करेगा, बल्कि भारत के स्वच्छ ऊर्जा और हरित भविष्य की ओर संक्रमण को भी सशक्त बनाएगा।”
कार्यक्रम में रचनात्मकता का एक अनोखा तत्व जोड़ते हुए, दो जीवंत एनीमेटेड पात्र नव्या और आरंभ ने श्रोताओं को भारत की बुनियादी ढांचा उपलब्धियों तथा भविष्य की दृष्टि से अवगत कराया। इन पात्रों की प्रस्तुति ने कार्यक्रम को और भी रोचक, सजीव और नवोन्मेषपूर्ण बना दिया।
मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन के दौरान बताया कि दिल्ली को विनाशकारी बाढ़ से बचाने में सक्रिय डी-सिल्टिंग (गाद हटाने) के प्रयास कितने प्रभावी रहे। उन्होंने कहा: “शुरुआत से ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता नजफगढ़ और शाहदरा जैसे प्रमुख नालों की डी-सिल्टिंग रही। पहली बार लगभग 25,000 मीट्रिक टन गाद की सफाई नियमित निगरानी के साथ की गई। इस तैयारी के कारण, पिछले 15 वर्षों की सबसे अधिक वर्षा के बावजूद, दिल्ली ने 2023 जैसी बाढ़ की स्थिति से बचाव पाया। जल को यमुना के बाढ़ क्षेत्र जो उसका प्राकृतिक विस्तार है-के भीतर ही रोका गया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। आगे चलकर हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए सुरक्षित आश्रय उपलब्ध हों, ताकि यमुना का बाढ़ क्षेत्र केवल नदी का ही आवास बना रहे।” उन्होंने आगे कहा कि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर उनकी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसका लक्ष्य है कि 2026 तक दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पूर्णतः इलेक्ट्रिक हो जाए, जिसमें प्रत्येक बस डिपो ईवी चार्जिंग हब के रूप में कार्य करेगा।
इस आयोजन की शोभा बढ़ाने वाले अन्य गणमान्य अतिथियों में शामिल थेः श्री सी. आर. पाटिल, भारत सरकार के जल शक्ति मंत्री, श्री मुकुल कानिटकर जी, अखिल भारतीय प्रचार टोली, आरएसएस के सदस्य, श्री प्रह्लाद जोशी, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, स्वामी निजामृतानंद पुरी, अमृता अस्पताल (फरीदाबाद) के प्रशासनिक निदेशक, श्री अवनीश कुमार सिंह, विधान परिषद सदस्य, लखनऊ, श्री राघव चंद्रा, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, श्री रंजन कुमार ढींगरा, चेयरमैन, लोरेन ग्रुप, तथा श्री हेमंत जैन, अध्यक्ष, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री।
कार्यक्रम की सफलता पर प्रकाश डालते हुए पांचजन्य के संपादक श्री हितेश शंकर ने कहा: “यह आयोजन पांचजन्य परिवार के निरंतर विस्तार और वर्षों से अर्जित विश्वास की एक छोटी-सी झलक है। जब हम ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर’ की बात करते हैं, तो अक्सर दिमाग में कंक्रीट और किलोमीटर की छवियाँ आती हैं, लेकिन वास्तव में यह प्रतिबद्धता की स्थायित्वशीलता का विषय है। यही भारत की विचार परंपरा का मूल रहा है।”
यह कार्यक्रम विचारों के आदान-प्रदान का एक सफल मंच सिद्ध हुआ, जिसमें नीतिनिर्माताओं की दूरदृष्टि को सांस्कृतिक मूल्यों के साथ जोड़ा गया और सुशासन पर सार्थक संवादों के प्रेरक तत्व के रूप में पांचजन्य की भूमिका को और अधिक सशक्त किया।
पांचजन्य के बारे में
पांचजन्य एक भारतीय साप्ताहिक हिंदी पत्रिका है, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारों से प्रेरित है। इसे 1948 में मकर संक्रांति के अवसर पर लखनऊ में स्वर्गीय श्री दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रारंभ किया गया था। इसका प्रथम संपादक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। प्रारंभिक आवरण पर भगवान श्रीकृष्ण की छवि अंकित थी, जिसका उद्देश्य देशभक्ति पर आधारित आदर्शवाद का पालन करना और भारत की सांस्कृतिक विरासत को संजोना था। वर्तमान में इसका संपादन श्री हितेश शंकर कर रहे हैं, जो पूर्व में हिंदुस्तान के संपादक रह चुके हैं। वे आईआईएमसी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन) के नए कार्यकारी परिषद के सदस्य भी हैं।
